69K Shikshak Bharti :- क्या 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के हजारों शिक्षकों की सेवा समाप्त हो जाएगी?

 बहुचर्चित 69K शिक्षक भर्ती :-




उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती केवल एक सामान्य भर्ती प्रक्रिया नहीं रही बल्कि एक विवाद, आंदोलन, कोर्ट केस और बेरोजगार युवाओं के संघर्ष का प्रतीक बन गई है। और इसी वजह से 69000 शिक्षक भर्ती एक बहुचर्चित और विवादित शिक्षक भर्ती बन गई है। 69K सहायक शिक्षक भर्ती कई कारणों से लंबे समय तक चर्चा में रही हैं।

69000 शिक्षक भर्ती उत्तर प्रदेश में इसलिए इतनी चर्चा में रही क्योंकि यह राज्य की अब तक की सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती में से एक थी, जिसमें लाखों अभ्यर्थियों की उम्मीदें जुड़ी थीं, लेकिन यह प्रक्रिया शुरुआत से ही विवादों में घिर गई। सरकार द्वारा परीक्षा के बाद अचानक उच्च कटऑफ (97 और 90 अंक) घोषित करने से छात्रों में असंतोष फैल गया, क्योंकि विज्ञापन में इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई थी।

 इसके अलावा, उत्तर कुंजी में कई गलतियों, आरक्षण व्यवस्था में अनियमितताओं, मेरिट सूची में गड़बड़ियों और चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी ने स्थिति को और जटिल बना दिया। मामले ने कोर्ट का रुख किया, जिससे नियुक्तियों पर रोक लगी और प्रक्रिया वर्षों तक खिंचती रही। इसी बीच कई जिलों में फर्जी दस्तावेजों से चयन, आरक्षित वर्ग के साथ भेदभाव, और छात्रों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन होते रहे। राजनीतिक दलों ने भी इसे चुनावी मुद्दा बनाया, जिससे यह मामला मीडिया और जनता के बीच लगातार चर्चा का विषय बना रहा।

उत्तर प्रदेश की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती एक नए विषय के साथ आज चर्चा में है। यह विषय बेसिक शिक्षा विभाग को आज महसूस हुआ जबकि शिक्षकों को सेवा देते हुए 4 वर्ष से ज्यादा का समय हो चुका हैं।


क्या शिक्षकों की सेवा समाप्त हो जाएगी?

बेसिक शिक्षा परिषद की 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में नियुक्ति पाए उन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त होंगी जिनकी शैक्षिक अर्हता आवेदन की अंतिम तिथि 22 दिसंबर 2018 को पूरी नहीं थी। इसमें कुछ जिलों में बीटीसी प्रशिक्षित वे अभ्यर्थी भी नियुक्ति पा गए हैं, जिनके बीटीसी परीक्षा में बैंक पेपर आए थे। बैंक पेपर का परिणाम आवेदन किए जाने की अंतिम तिथि के दो महीने बाद आया था। इस तरह आवेदन की अंतिम तिथि तक शैक्षिक अहंता पूरी नहीं करने वाले चयनित शिक्षकों से स्पष्टीकरण प्राप्त करते हुए उनकी सेवा समाप्त करने के निर्देश परिषद सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने सभी जिलों के बीएसए को दिए हैं। उन्होंने इनका चयन करने वाले दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं चयन समिति के सदस्यों का नाम भी मांगे हैं।







ह शिक्षक भर्ती तीन चरण में कराई गई थी। सचिव ने नौ मई को जारी पत्र में लिखा है कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत आनलाइन रजिस्ट्रेशन व आवेदन करते समय शैक्षिक/प्रशिक्षण अभिलेख व अन्य आवश्यक अभिलेख 22 दिसंबर 2018 तक होना अनिवार्य था।


इस भर्ती की अधिसूचना एक दिसंबर 2018 को जारी की गई थी। आनलाइन आवेदन पंजीकरण के लिए अंतिम तिथि 22 दिसंबर 2018 निर्धारित थी। इसमें कुछ ऐसे अभ्यर्थियों ने भी आवेदन कर दिए, जिनका बीटीसी में बैंक आया था। यानी की उस समय उनकी शैक्षिक अर्हता पूरी नहीं थी। उन्होंने बैंक के लिए आवेदन किया। उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने बैंक परीक्षा कराई, जिसका परिणाम आवेदन करने की अंतिम तिथि के बाद आया।

 इस दैरान इस भर्ती प्रक्रिया के पहले चरण में अक्टूबर 2020 में 31,277 तथा दिसंबर 2020 में दूसरे चरण 36,590 पदों के लिए काउंसिलिंग /चयन की कार्यवाही की गई। इसमें से रिक्त रह गए पदों के सापेक्ष बाद में एक और काउंसिलिंग कराई गई। इधर, शैक्षिक अर्हता के मामले में कोर्ट के एक आदेश के अनुपालन में आवेदन की अंतिम तिथि तक शैक्षिक अर्हता पूरी न करने वालों की सेवा समाप्त करने के निर्देश परिषद सचिव ने दिए हैं।

शैक्षिक अर्हता पूरी न होने वालों की सूची:-











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